Rajdhani night: rajdhani night एक तरह का सट्टा मटका खेल है, जिसे सन 1995 से खेला जाता रहा है, rajdhani night खेलने के लिए rajdhani night chart की आवश्यकता होती है, और लोग rajdhani night chart को देखकर विजेता अंक guess करने की कोशिश करते हैं.
हमने नीचे आपको दर्शाया है कि rajdhani night chart कैसा नजर आता है, और इस rajdhani night chart में हफ्ते के 4 दिन rajdhani night result आता है.
हालांकि आपको बता दें कि राजधानी नाइट खेल में एक chart और होता है जिसका नाम है rajdhani night panel chart, जी आपको rajdhani night panel chart के बारे में जानकारी जाननी है तो नीचे दिए गए बटन पर क्लिक कीजिए.

Rajdhani Night Result
आज का लेटेस्ट RESULT जानने के लिए REFRESH बटन दबाएं…
Rajdhani Night Chart | Rajdhani Night Result
DATE | RAJDHANI NIGHT RESULT |
---|---|
25-NOV-22 | 124-71-146 |
24-NOV-22 | 156-20-136 |
23-NOV-22 | 234-97-188 |
22-NOV-22 | 778-27-124 |
21-NOV-22 | 240-67-124 |
20-NOV-22 | 280-06-150 |
19-NOV-22 | 558-89-234 |
18-NOV-22 | 566-77-340 |
17-NOV-22 | 169-64-338 |
16-NOV-22 | 136-03-346 |
15-NOV-22 | 778-27-124 |
14-NOV-22 | 257-44-680 |
13-NOV-22 | -- |
12-NOV-22 | -- |
11-NOV-22 | 136-03-346 |
10-NOV-22 | 144-95-339 |
09-NOV-22 | 169-64-338 |
08-NOV-22 | 149-42-147 |
07-NOV-22 | 280-06-150 |
06-NOV-22 | -- |
05-NOV-22 | 240-67-124 |
04-NOV-22 | 240-67-124 |
03-NOV-22 | 679-26-240 |
02-NOV-22 | 558-89-234 |
01-NOV-22 | 569-00-460 |
31-Oct-22 | 270-96-457 |
30-Oct-22 | -- |
29-Oct-22 | -- |
28-Oct-22 | -- |
27-Oct-22 | -- |
26-Oct-22 | -- |
25-Oct-22 | -- |
24-Oct-22 | -- |
23-Oct-22 | -- |
22-Oct-22 | 356-43-670 |
21-Oct-22 | 256-35-889 |
20-Oct-22 | 168-59-450 |
19-Oct-22 | 146-11-470 |
18-Oct-22 | 148-31-399 |
17-Oct-22 | 117-97-223 |
16-Oct-22 | -- |
15-Oct-22 | -- |
14-Oct-22 | 157-35-140 |
13-Oct-22 | 368-73-256 |
12-Oct-22 | 249-52-679 |
11-Oct-22 | 670-35-799 |
10-Oct-22 | 560-13-580 |
09-Oct-22 | -- |
08-Oct-22 | 144-95-230 |
07-Oct-22 | 144-95-230 |
06-Oct-22 | 900-93-148 |
05-Oct-22 | 799-56-114 |
04-Oct-22 | 267-56-240 |
03-Oct-22 | 480-27-124 |
02-Oct-22 | -- |
01-Oct-22 | -- |
30-September-22 | 678-15-357 |
29-September-22 | 890-71-137 |
28-September-22 | 478-91-380 |
27-September-22 | 600-63-670 |
26-September-22 | 118-00-479 |
25-September-22 | -- |
24-September-22 | -- |
23-September-22 | 238-38-459 |
22-September-22 | 356-43-670 |
21-September-22 | 245-13-445 |
20-September-22 | 127-00-145 |
19-September-22 | 122-50-550 |
18-September-22 | -- |
17-September-22 | -- |
16-September-22 | 257-41-588 |
15-September-22 | 470-13-157 |
14-September-22 | 247-31-155 |
13-September-22 | 460-06-277 |
12-September-22 | 238-38-260 |
11-September-22 | -- |
10-September-22 | -- |
09-September-22 | 177-52-246 |
08-September-22 | 568-95-140 |
07-September-22 | 590-47-133 |
06-September-22 | 170-88-288 |
05-September-22 | 377-75-168 |
04-September-22 | -- |
03-September-22 | -- |
02-September-22 | 478-98-800 |
01-September-22 | 346-31-579 |
31-August-22 | 588-15-366 |
30-August-22 | 689-34-590 |
29-August-22 | 179-74-770 |
28-August-22 | -- |
27-August-22 | -- |
26-August-22 | 399-13-166 |
25-August-22 | 790-62-499 |
24-August-22 | 236-15-690 |
23-August-22 | 778-26-259 |
22-August-22 | 450-92-336 |
21-August-22 | -- |
20-August-22 | -- |
19-August-22 | 389-09-225 |
18-August-22 | 170-82-147 |
17-August-22 | 348-52-156 |
16-August-22 | 470-17-188 |
15-August-22 | Holiday |
14-August-22 | -- |
13-August-22 | -- |
12-August-22 | 136-02-147 |
11-August-22 | 134-87-467 |
10-August-22 | 267-50-244 |
09-August-22 | 447-58-233 |
08-August-22 | 269-77-115 |
07-August-22 | -- |
06-August-22 | -- |
05-August-22 | 389-06-367 |
04-August-22 | 127-01-137 |
03-August-22 | 128-18-369 |
02-August-22 | 280-04-248 |
01-August-22 | 130-46-349 |
30-July-22 | 356-44-158 |
29-July-22 | 356-44-158 |
28-July-22 | 259-66-367 |
27-July-22 | 350-80-677 |
26-July-22 | 270-92-570 |
25-July-22 | 700-77-340 |
24-July-22 | -- |
23-July-22 | -- |
22-July-22 | 229-32-336 |
21-July-22 | 126-93-445 |
20-July-22 | 780-59-180 |
19-July-22 | 224-80-280 |
18-July-22 | 690-53-139 |
17-July-22 | -- |
16-July-22 | -- |
15-July-22 | 558-80-190 |
14-July-22 | 177-54-699 |
13-July-22 | 560-12-237 |
12-July-22 | 190-02-688 |
11-July-22 | 270-97-340 |
10-July-22 | -- |
09-July-22 | -- |
08-July-22 | 600-62-138 |
07-July-22 | 249-54-158 |
06-July-22 | 124-75-780 |
05-July-22 | 147-23-157 |
04-July-22 | 169-66-899 |
03-July-22 | -- |
02-July-22 | 457-69-360 |
01-July-22 | 226-08-459 |
30-June-22 | 226-08-459 |
29-June-22 | 150-69-469 |
28-June-22 | 340-74-266 |
27-June-22 | 238-33-148 |
26-June-22 | -- |
25-June-22 | -- |
24-June-22 | 190-03-256 |
23-June-22 | 133-76-277 |
22-June-22 | 150-60-578 |
21-June-22 | 449-76-457 |
20-June-22 | 169-62-200 |
19-June-22 | -- |
18-June-22 | -- |
17-June-22 | 260-84-130 |
16-June-22 | 126-98-134 |
15-June-22 | 147-22-499 |
14-June-22 | 389-04-266 |
13-June-22 | 244-01-579 |
12-June-22 | -- |
11-June-22 | -- |
10-June-22 | 110-25-366 |
09-June-22 | 700-78-134 |
08-June-22 | 126-96-880 |
07-June-22 | 150-60-334 |
06-June-22 | 236-13-580 |
05-June-22 | -- |
04-June-22 | -- |
03-June-22 | 379-90-127 |
02-June-22 | 179-79-135 |
01-june-22 | 147-25-690 |
31-May-22 | 190-02-156 |
30-May-22 | 118-00-136 |
29-May-22 | -- |
28-May-22 | -- |
27-May-22 | 556-63-256 |
26-May-22 | 489-13-580 |
25-May-22 | 569-06-114 |
24-May-22 | 678-17-160 |
23-May-22 | 148-32-138 |
22-May-22 | -- |
21-May-22 | -- |
20-May-22 | 477-86-349 |
19-May-22 | 800-86-178 |
18-May-22 | 800-86-178 |
17-May-22 | 134-81-128 |
16-May-22 | 349-65-348 |
15-May-22 | 349-65-348 |
14-May-22 | -- |
13-May-22 | 489-15-168 |
12-May-22 | 228-26-268 |
11-May-22 | -- |
10-May-22 | 225-94-590 |
09-May-22 | 389-06-178 |
08-May-22 | -- |
07-May-22 | -- |
06-May-22 | 256-39-234 |
05-May-22 | 247-38-459 |
04-May-22 | 369-85-690 |
03-May-22 | 580-32-228 |
02-May-22 | 237-27-368 |
01-May-22 | -- |
30-May-22 | -- |
29-Apr-22 | 699-40-569 |
28-Apr-22 | 460-00-488 |
27-Apr-22 | 340-74-356 |
26-Apr-22 | 258-50-389 |
25-Apr-22 | 889-57-115 |
24-Apr-22 | -- |
23-Apr-22 | -- |
22-Apr-22 | 127-08-468 |
21-Apr-22 | 156-22-138 |
20-Apr-22 | 448-69-234 |
19-Apr-22 | 680-49-180 |
18-Apr-22 | 455-44-789 |
17-Apr-22 | -- |
16-Apr-22 | -- |
15-Apr-22 | 145-09-360 |
14-Apr-22 | 357-52-255 |
13-Apr-22 | 137-13-157 |
12-Apr-22 | 557-77-269 |
11-Apr-22 | 590-43-139 |
10-Apr-22 | -- |
09-Apr-22 | -- |
08-Apr-22 | 578-02-156 |
07-Apr-22 | 249-57-160 |
06-Apr-22 | 689-33-346 |
05-Apr-22 | 488-02-246 |
04-Apr-22 | 568-95-258 |
03-Apr-22 | -- |
02-Apr-22 | -- |
01-Apr-22 | 145-01-245 |
31-Mar-22 | 139-39-289 |
30-Mar-22 | 450-96-150 |
29-Mar-22 | 124-71-245 |
28-Mar-22 | 480-24-266 |
27-Mar-22 | -- |
26-Mar-22 | -- |
25-Mar-22 | 179-77-368 |
24-Mar-22 | 158-42-570 |
23-Mar-22 | 690-55-140 |
22-Mar-22 | 290-19-469 |
21-Mar-22 | 467-75-249 |
20-Mar-22 | -- |
19-Mar-22 | -- |
18-Mar-22 | -- |
17-Mar-22 | 120-31-579 |
16-Mar-22 | 467-74-680 |
15-Mar-22 | 247-31-777 |
14-Mar-22 | 179-70-460 |
13-Mar-22 | -- |
12-Mar-22 | -- |
11-Mar-22 | 356-41-146 |
10-Mar-22 | 346-33-148 |
09-Mar-22 | 900-90-460 |
08-Mar-22 | 560-13-337 |
07-Mar-22 | 129-28-477 |
06-Mar-22 | -- |
05-Mar-22 | -- |
04-Mar-22 | 134-80-235 |
03-Mar-22 | 257-40-136 |
02-Mar-22 | 156-22-345 |
01-Mar-22 | 790-61-128 |
28-Feb-22 | 156-20-479 |
27-Feb-22 | -- |
26-Feb-22 | -- |
25-Feb-22 | 470-17-377 |
24-Feb-22 | 346-33-256 |
23-Feb-22 | 799-57-340 |
22-Feb-22 | 130-43-157 |
21-Feb-22 | 330-63-670 |
20-Feb-22 | -- |
19-Feb-22 | -- |
18-Feb-22 | 469-94-338 |
17-Feb-22 | 150-64-220 |
16-Feb-22 | 244-03-779 |
15-Feb-22 | 230-57-368 |
14-Feb-22 | 255-21-290 |
13-Feb-22 | -- |
12-Feb-22 | -- |
11-Feb-22 | 369-85-249 |
10-Feb-22 | 149-41-380 |
09-Feb-22 | 390-29-478 |
08-Feb-22 | 168-53-599 |
07-Feb-22 | 479-04-239 |
06-Feb-22 | -- |
05-Feb-22 | -- |
04-Feb-22 | 137-15-456 |
03-Feb-22 | 277-67-160 |
02-Feb-22 | 158-48-189 |
01-Feb-22 | 126-94-400 |
31-Jan-22 | 289-94-220 |
30-Jan-22 | -- |
29-Jan-22 | -- |
28-Jan-22 | 488-03-120 |
27-Jan-22 | 112-46-169 |
26-Jan-22 | -- |
25-Jan-22 | 159-54-356 |
24-Jan-22 | 349-66-123 |
23-Jan-22 | -- |
22-Jan-22 | -- |
21-Jan-22 | 456-52-390 |
20-Jan-22 | 459-82-480 |
19-Jan-22 | 125-84-680 |
18-Jan-22 | 399-12-200 |
17-Jan-22 | 599-31-560 |
16-Jan-22 | -- |
Rajdhani Night: शब्दावली
Rajdhani Night खेलने वाले लोग ऐसे कई सारे शब्दावली का इस्तेमाल करते हैं जिसके बारे में आप को जानना बहुत ही जरूरी है. हो सकता है इनमें से कुछ शब्दों के बारे में आप जानते हो लेकिन यदि आपको सभी शब्दों के बारे में नहीं पता तो आप इस खेल को अच्छे से खेल नहीं पाएंगे. इसलिए मैं आपको राजधानी नाइट की शब्दावली के बारे में बता देता हूं. राजधानी नाइट के शब्दावली में सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है “मटका” इसके अलावा सिंगल जोड़ी पत्ती एसपी (SP) डीपी (DP) TP इत्यादि शब्द Rajdhani Night गेम में इस्तेमाल किया जाता है. इन सभी के बारे में डिटेल नीचे दिया गया है.
- (Matka) मटका: पहले के समय में मिट्टी के बर्तन का इस्तेमाल किया जाता था. जिससे मटका बोलते हैं. ऐसे मिट्टी के बर्तनों का इस्तेमाल संख्याएं खींचने के लिए किया जाता था.
- (Single) सिंगल: वेटिंग में लगने वाले 0 और नौ के बीच आने वाले सभी संख्याओं को सिंगल बोलते हैं.
- (Jodi/Pair) जोड़ी: 00 और 99 के बीच 2 अंकों की कोई भी संख्या को जोड़ी अपीयर कहा जाता है. जैसे ( 19, 27,69 ).
- (Patti/Panna) पन्ना: सट्टेबाजी के परिणाम के रूप में जब 3 अंकों को शामिल किया जाता है तो इन तीनों अंकों की संख्या को ही Patti/Panna कहा जाता है.
- Open reasult/close result: मटका बैटिंग के नतीजे को दो भागों में बांटा जाता है. पहले भाग को ओपन रिजल्ट (Open reasult) कहा जाता है और दूसरे भाग को क्लोज रिजल्ट ( close result) कहा जाता है.
- SP/DP/TP: एस पी (SP) का मतलब सिंगल पत्ती (Single Patti) है जैसे 357, डीपी (DP) का मतलब डबल पत्ती (Double Patti) है, जैसे 337 और टी पी ( TP) का मतलब ट्रिपल पत्ती (Triple Patti) है जैसे 333.
- CP( Cycle Patti ): पत्ती के अंतिम 2 अंकों को Cycle Patti (CP) भी कहा जाता है, उदाहरण के लिए यदि पत्ती 297 है तो cycle patti 97 होगा.
- Farak: क्लोज रिजल्ट (close result ) और ओपन रिजल्ट (open result) के बीच के अंतर को ही (FARAK) फरक कहा जाता हैं. उदाहरण के लिए जैसे यदि jodi/pair 49है तो 9-4=5 farak कहा जाता है.
- Berij: Berij jodi/Pair के योग का अंतिम अंक है. उदाहरण के लिए यदि जोड़ी 96 हैं तो 9 प्लस 6 इज इक्वल टू 15 (9+6=15) यानी अंतिम अंक 5 है. मतलब है Berij 5 होगा.
Rajdhani Night: कड़वी सच्चाई
क्योंकि राजधानी नाइट एक तरह का सट्टा है इसीलिए उसे खिलाने वाले लोगों को सिर्फ अपने मुनाफे से मतलब होता है आपको बता दें कि आप भले ही चाहे कितनी भी ज्यादा गणितीय बुद्धिमानी का इस्तेमाल करें, पुराने अंकों के ताला मेल से आपको कई सारे नए अंक मिलेंगे.
और उन सभी अंको के खुलने की संभावना बराबर रहेगी, और जिस पर सबसे कम लोग पैसा लगाएंगे वही विजेता घोषित किया जाता है.
परंतु किस अंक पर सबसे कम पैसा लगाया गया है यह जानने का कोई भी उपाय नहीं है, यह सिर्फ राजधानी नाइटखिलाने वाले लोग ही जानते हैं.
जिस पर लोगों ने पैसा लगाया होता है उस अंक को खोलने से दो चीजें होती हैं:
1. खिलाने वाले का ज्यादा मुनाफा: जब भी किसी ऐसे अंक को जिताया जाता है जिसमें कम लोगों ने पैसा लगाया है तो Rajdhani Night खिलाने वाले लोगों को कम लोगों को पैसा देना पड़ता है जिसकी वजह से उनके पास ज्यादा मुनाफा तक जाता है, इसीलिए हर दिन जब नया अंक खुलता है तब लोगों का फायदा हो या नुकसान हो, राजधानी नाइट खिलाने वाले लोगों का हमेशा भारी मुनाफा होता है.
2. ज्यादातर लोग हारते हैं: राजधानी नाइट खिलाने वाले लोगों को यदि ज्यादा मुनाफा कमाना है, तो उन्हें ऐसे अंक को जिताना पड़ता है जिन पर कम लोगों ने पैसा लगाया हो, इसीलिए राजधानी नाइटजैसे खेलो तो खेलने वाले ज्यादातर लोग हारते हैं, और बहुत ही कम लोग होते हैं जो इस खेल को जीत पाते हैं.
Rajdhani Night: क्या आप जानते हैं?
- सट्टा मटका राजधानी नाइट सट्टा मटका बाजार के अंतर्गत आता है परंतु क्या आपको पता है कि सट्टा मटका खेलों की शुरुआत भारत में 1962 में हुई थी.
- सट्टा मटका की शुरुआत करने वाले व्यक्ति का नाम था रतन खत्री, जिन्हें आज सट्टा किंग के नाम से जाना जाता है.
- सट्टा मटका को आगे बढ़ाने में रतन खत्री के साथ-साथ कल्याणजी भगत का भी एक बहुत बड़ा हाथ था, दोनों ही बहुत प्रिय मित्र थे.
- सट्टा मटका के अंतर्गत खिलाए जाने वाला सबसे बड़ा बाजार है कल्याण बाजार जिसका नाम कल्याणजी भगत ने रखा था.
- रतन खत्री और कल्याणजी भगत दोनों ही आम व्यक्ति थे जो मुंबई में नौकरी करके पैसा कमाने आए थे.
- रतन खत्री जब मुंबई आए और उन्होंने फैक्ट्री के वर्कर्स को न्यूयॉर्क एक्सचेंज मिल में कपास के ओपनिंग और क्लोजिंग दाम पर पैसा लगाकर मोटा मुनाफा कमाते हुए देखा तो उन्होंने भी पैसा लगाना शुरू कर दिया.
- यह उस समय की बात है जब इंटरनेट का जमाना नहीं हुआ करता था, परंतु कुछ वक्त बाद जब न्यूयॉर्क एक्सचेंज मिल बंद हो गया तब लोगों के पास सट्टा लगाने का एक बहुत बड़ा माध्यम खत्म हो गया.
- यह वही समय था जब रतन खत्री ने सट्टा मटका की शुरुआत करी परंतु शुरुआत में लोग सट्टा मटका को खेलना पसंद नहीं करते थे क्योंकि उनके पास सट्टा मटका से भी बेहतर विकल्प मौजूद थे.
- परंतु जब रतन खत्री जी को कल्याणजी भगत मिले तो दोनों ने मिलकर सट्टा मटका को खूब चलाया और आज के वक्त में सट्टा मटका भारत का सबसे बड़ा लॉटरी खेल बन चुका है.
- Aheref के हिसाब सेराजधानी नाइट सट्टा को रोजाना लाखों की तादाद में खेला जाता है, आपको बता दें कि किसी भी लॉटरी खेल के लिए यह बहुत बड़ी बात है.
- सट्टा मटका के सभी रिजल्ट्स dpboss.net की वेबसाइट पर सबसे पहले आते हैं और आपको बता दें कि यह वेबसाइट 2012 में शुरू करी गई थी.
- Aheref की मानें तो dpboss.net की वेबसाइट पर रोजाना 50 लाख से भी अधिक लोग आते हैं, हालांकि dboss.net सट्टा मटका बाजार के रिजल्ट देने वाली सबसे पुरानी वेबसाइट है इसीलिए dpboss.net पर रोजाना इतना ट्राफिक आता है.
- सट्टा मटका के अंतर्गत आने वाले सभी प्रकार के चार्ट की मदद से लोग सट्टा मटका गेसिंग करते हैं और अंकों की भविष्यवाणी करते हैं, परंतु यदि आपको यह अंक मुफ्त में चाहिए तो आप हमारी वेबसाइट से इस अंक को मुफ्त में पा सकते हैं ऐसा करने के लिए नीचे दिए गए बटन को दबाएं.
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